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धनतेरस पर जानें कौन हैं भगवान धन्वन्तरि और इस दिन क्यों होती है इनकी पूजा

धनतेरस पर जानें कौन हैं भगवान धन्वन्तरि और इस दिन क्यों होती है इनकी पूजा

भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रतिवर्ष कार्तिक माह की कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि धनत्रयोदशी के रुप में मनाने की प्राचीन मान्यता सादियों से चली आ रही है। हिन्दू सनातन धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी, गणेशजी, भगवान कुबेर और देवी सरस्वती की पूजा करने का विधान है। इस सभी के अतिरिक्त एक और मान्यता है वह है आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वन्तरि से जुड़ी अर्थात इस दिन भगवान धन्वन्तरि का जन्म हुआ है इसलिए इस दिन को धन्वन्तरि दिवस के रुप में मनाया जाता है और उनकी भी बड़े-विधि विधान से पूजा की जाती है। भगवान धन्वन्तरि देवताओं के चिकित्सक (देव वैद्य) है और वह हमारे स्वास्थ्य की भी रक्षा करते है। ऐसे में धन तेरस के दिन भगवान धन्वन्तरि की आराधना करने से हमें अरोग्य की भी प्राप्ति होती है और हमें बीमारियों से समस्या से निदान प्राप्त होता है। भगवान धन्वन्तरि आयुर्वेद के जनक है और उन्हें स्वास्थ्य के देवता के रुप में भी पूजा जाता है।

आइये जानते है कौन है भगवान धन्वन्तरि और क्यों होती है इनकी पूजा

सनातन संस्कृति के पुराणों के अनुसार भगवान धन्वन्तरि विष्णुभगवान के 24 अवतरों में से 12वें अवतार कहलाये हैं। भगवान धन्वन्तरि जी के जन्म की कथा के संदर्भ में समुद्र मंथन का वर्णन मिलता है। शास्त्रों में बताया गया है, कि समुद्र मंथन के दौरान जिन 14 रत्नों की उत्पत्ति हुई थी, उनमें से एक भगवान धन्वन्तरि भी थे औऱ उनकी चार भुजाएं थी, जो अलग-अलग दिव्य वस्तुओं का प्रतिनिधित्व कर रही थी। धन्वन्तरि भगवान के एक हाथ में अमृतकलश, दूसरे हाथ में आयुर्वेद के संपूर्ण ग्रंथ, तीसरे हाथ में अमृत औषधि (जड़ीबुटियाँ) तथा चौथे हाथ में शंख आसीन था।

भगवान धन्वन्तरि ने जनमानस के कल्याण के लिए जो अमृतमय आयुर्वेदिक औषधियाँ हम सभी को उपहास स्वरुप भेंट की है, उसके लिए हम उनके कृतघ्न हैं। इन सभी औषधियों के प्रयोग और उसके अच्छे-बुरे परिवाण के लिए भगवान धन्वन्तरि ने आयुर्वेद के मूल ग्रंथ धन्वन्तरि संहिता की भी रचना की है।

धनतेरस के दिन भगवान धन्वन्तरि की कैसी पूजा करनी चाहिए

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार धनतेरस के दिन प्रदोष काल के दौरान भगवान धन्वन्तरि की पूजा करनी चाहिए। इस दिन प्रत्येक सनातनी को अपनी धन-दौलत के साथ-साथ अपने आरोग्य रुपी स्वास्थ्य की मंगलकामना के लिए भी भगवान धन्वन्तरि का पूजन अनिवार्य रुप से करना चाहिए, क्योंकि स्वास्थ्य ही मनुष्य का सबसे बड़ा धन है। धन तेरस अर्थात धन्वन्तरि दिवस के दिन भगवान धन्वंतरि की आराधना करने से सेहत में अच्छा लाभ प्राप्त होता है।

  • वास्तु के अनुसार धन तेरस के दिन उत्तर-पूर्व दिशा में चौकी स्थापित करके उसमें भगवान विष्णु, माँ लक्ष्मी, गणेश जी, धन के देवता कुबेर, देवी सरस्वती और स्वास्थ्य व आरोग्य के देवता भगवान धन्वन्तरि की मूर्ती रखनी चाहिए।
  • मूर्ती पूजन के दौरान इन सभी देवताओं का ध्यान करने के साथ भगवान धन्वन्तरि का स्मरण करके, उनका भी अभिषेक करना चाहिए।
  • भगवान धन्वन्तरि का शोडषोपचार विधि-विधान से पूजन-अर्चन करना चाहिए।
  • पूजन के दौरान पूजा करने वालों को पीले रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए।
  • अच्छी सेहत और अच्छे स्वास्थ्य के लिए भगवान धन्वन्तरि से प्रार्थना करके उनकी आरती करनी चाहिए और उनके मंत्र - “ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः” का उच्चारण भी करना चाहिए।

वर्ष 2022 में धनतेरस और धन्वन्तरि पूजा का शुभ मुहूर्त

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार धनतेरस पूजन का शुभ मुहूर्त 22 अक्टूबर को शाम 7:10 बजे से रात्रि 8:24 बजे तक रहेगा।

वास्तु विद् -रविद्र दाधीच (को-फाउंडर वास्तुआर्ट)