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होटल का बेसमेंट कैसा होना चाहिए ?

होटल का बेसमेंट (Basement) कैसा होना चाहिए ?

आज कल होटल का निर्माण नगरों व महानगरों के तेजी से हो रहा है। ऐसे में होटल में स्थान की कमी के कारण बेसमेंट का निर्माण विशेष रुप से बढ़ रहा है। बेसमेंट का निर्माण होटलो, क्लबों, रेस्टोरेंट और व्यावसायिक भवनों में खूब देखने को मिल रहा है। होटलों में तो प्रायः बेसमेंट नजर आते ही हैं। ऐसे बेसमेंट में अधिकांश शराब की दुकानें अच्छी चलती है। इन दुकानों के अच्छी चलने और तकक्की करने के पीछे वास्तु का हाथ होता है। भारत जैसे देशों में बेसमेंट का उपयोग अधिक नही होता है। परंतु आधुनिक भारत में भी इसका प्रचलन तेजी के साथ बढ़ रहा है। प्रायः बेसमेंट में सूर्य का प्रकाश न आने से इसका निर्माण पहले कम होता था। परंतु विदेशों में शीशे का प्रयोग करके रोशनी का लाभ लिया जाता है। होटल के बेटमेंट में पर्याप्त रोशनी और वायु न आने के कारण यहां पर लोगों की वुद्धि भ्रमित (मलिन) हो जाती है। जिससे यहां पर क्लब जैसे व्यापार तेजी से साथ उन्नति करते हैं।

बेसमेंट (तलघर) कोई नया नही है। यह भी वास्तु के अंतर्गत आने वाला प्रमुख भाग है जिसका वर्णन वास्तु शास्त्र में मिलता है। जब से इस संसार में पक्के घर, महल , किले, मंदिर निर्माण की शुरुआत हुई। वहीं से बेसमेंट (तहखानों) के निर्माण की भी शुरुआत होती है। आज के समय में हर जगह बेसमेंट की आवश्यकता मालूम पड़ रही है। जहां पर इनका उपयोग कमर्शियल एक्टिविटी के लिए अधिक से अधिक किया जा रहा है।

होटल के तलघर (बेसमेंट) के निर्माण में रखें वास्तु की इन खास बातों का ध्यान

  • बेसमेंट का निर्माण होटल के ऊत्तर, पूर्व दिशाओं में करना चाहिए। दक्षिण व पश्चिम दिशाओं में इसका निर्माण नही करना चाहिए। यदि आप ऐसा करते है या फिर पहले से होटल में इस दिशा में बेसमेंट का निर्माण करा चुके है, तो होटल के कर्मचारियों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। अगर पूरा बेसमेंट निर्माण करते हैं तो वह भी अच्छा होता है। परंतु इसका निर्माण दक्षिण व पश्चिम में तो बिल्कुल भी नही होना चाहिए।
  • होटल के बेसमेंट की ऊँचाई ठीक होनी चाहिए।
  • ईशान कोण में होटल के बेसमेंट का निर्माण शुभ होता है। उसी स्थान पर पानी का अंडरग्राउण्ड टैंक, कुआ, या बोरिंग का निर्माण उत्तर-पूर्व के कोने से एक पद छोड़ कर करना चाहिए तभी वह लाभकारी होता है।
  • होटल के बेसमेंट के पूर्व व उत्तरी भाग में भारी सामान न रखें। ऐसा सामान दक्षिण व पश्चिम भाग में रखें तो यह होटल की उन्नति व वृद्धि के लिए अच्छा होगा।
  • होटल के बेसमेंट में सफेद रंग का ही प्रयोग करें।
  • होटल के बेसमेंट को निवास न बनाएं, यहां पर कुछ समय तक रहना तो अच्छा रहता है। परंतु ज्यादा रहने से दुखद घटनाएं व प्रगति में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।
  • होटल के बेसमेंट में पर्याप्त रोशनी और वायु की व्यवस्था होनी चाहिए।
  • होटल के बेसमेंट का ढ़ाल उत्तर-पूर्व में होना चाहिए व होटल का दक्षिण-पश्चिम सबसे ऊँचा होना चाहिए।
  • होटल के बेसमेंट में सैप्टिक टैंक नही होना चाहिए। अगर सैप्टिक टैंक बनाना पड़े तो उस पर सूर्य की रोशनी पड़नी चाहिए।
  • होटल के बेसमेंट में मंदिर व मुख्य ऑफिस या केबिन नही होना चाहिए और बेसमेंट में कैशियर भी नही बैठना चाहिए।

वास्तु विद् - रविद्र दाधीच (को-फाउंडर वास्तुआर्ट)