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क्या 8 नवंबर का चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखेगा और जानें इसके प्रभाव, सूतक काल

क्या 8 नवंबर का चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखेगा और जानें इसके प्रभाव, सूतक काल

वर्ष 2022 के आखिरी सूर्य ग्रहण के बाद अब वर्ष का आखिरी सूर्य ग्रहण नवंबर माह की 8 तारीख को लगने जा रहा है। यह चन्द्र ग्रहण कार्तिक माह की पूर्णिमा को पड़ रहा है। भारतीय पंचांग के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली भी मनाई जाती है। ऐसे में देव दिवाली के दिन यह चन्द्र ग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस चन्द्र ग्रहण की समाप्ति का (चन्द्र ग्रहण मोक्ष) का समय 6 बजकर 18 मिनट पर होगा।

क्या है देव दिवाली की मान्यता और क्या इस चन्द्र ग्रहण से देव दिवाली का होगा और भी महत्व

भारतीय शास्त्रों के अनुसार देव दिवाली की मान्यता है, कि इस दिन देवता पृथ्वी में आकर दिवाली पर्व मनाते है, इस कारण से इस पर्व को देव दिवाली कहते है। इसके साथ यह भी मान्यता है, कि आज के दिन अधिक से अधिक संख्या में श्रद्धालु माँ गंगा में स्नान कर डुबकी लगाते हैं और अपनी सामर्थ्य शक्ति के अनुसार दान-पुण्य भी करते हैं। इस कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण होने से इसका और भी अधिक महत्व हो गया है।

क्या वर्ष 2022 का आखिरी चन्द्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा ?

साल का आखिरी चन्द्र ग्रहण भारत के साथ उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका,ऑस्ट्रेलिया, एशिया, उत्तरी अटलांटिक सागर, पेसिफिक सागर, पश्चिमी अर्जेन्टीना, चीली, बोलीविया, पश्चिम ब्राजील, चीन,पूर्वी रूस, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भूटान, श्रीलंका, म्यांमार, फिजी, थाईलैंड, जापान आदि देशों से भी देखा जा सकेगा।

सूतक काल कब लगेगा और सूतक के दौरान क्या-क्या नही करना चाहिए ?

सूतक- 8 नवम्बर 2022 मंगलवार में प्रातः 8:29 से प्रारम्भ होकर 6 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। सूतकों में बाल, वृद्ध, रोगी, आसक्तजनों को छोड़कर अन्य किसी को भोजन शयनादि नहीं करना चाहिए। ध्यान रहे - उदर में जिन स्त्रियों के शिशु पल रहे हों, उन्हें ग्रहण जन्य सूतक दोष के समय धारदार चाकू, छुरी से फल, सब्जी इत्यादि नहीं काटने चाहिए। शयनादि से बचे रहें। ईश्वर आराधना में समय का सही उपयोग करें ।

भारत में चन्द्र ग्रहण कब दिखाई देगा?

भारतीय पंचांग के अनुसार 5.32 बजे से शाम 6.18 बजे तक दिखाई देगा। इस समय के दौरान चन्द्र ग्रहण पूर्ण रूप से प्रभावी स्थिति में रहेगा।

ग्रहण में क्या-क्या नही करना चाहिए ?

सूर्य ग्रहण हो या फिर चन्द्र ग्रहण ऐसे में कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है। इसलिए इस दौरान इन कार्यों को भूलकर भी नही करना चाहिए अन्यथा ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।

  • ग्रहण के दौरान मंदिरों के पट को बंद कर देना चाहिए और मंदिर की मूर्तियों को स्पर्श नहीं करना चाहिए ।
  • सूतक काल के दौरान भोजन करना, शयन करना वर्जित है, परंतु विशेष स्थितियों में आप भोजन कर सकते है। जैसे बीमार व्यक्ति, बच्चे और बूढ़े लोग।
  • ग्रहण काल के दौरान शरीर या बालों में तेल नहीं लगाना चाहिए, संबंध नहीं बनाना चाहिए, ऐसा करने से आपकी होने वाली संतान में विकृति आ सकती है।
  • ग्रहण काल के दौरान जैसे कि घर में रखे भोज्य पदार्थ, दही, दूध, पनीर, अचार इत्यादि में तुलसी दल के साथ कुशा (डाब) को डाल देना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर ग्रहण के दौरान रखे भोज्य पदार्थ दूषित हो जाते है और वह खाने के योग्य नही रहते है। क्योंकि कि ग्रहण के बाद का भोजन संक्रमित हो जाता है और उसका सेवन करने पर बीमारियां एवं रोग होने की संभावना होती है।
  • ग्रहण काल के दौरान मंदिर मंदिर की मूर्तियों में कुश चढ़ाना चाहिए।
  • ग्रहण काल के दौरान चन्द्रमा का प्रकाश संक्रमित हो जाता है, ऐसे में गर्भवती महिलाओं के अपने पास गंगाजल और कुश रखना चाहिए, जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे के ऊपर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है।
  • गर्भवती महिलाएं को भूलकर भी धारदार वस्तु से किसी भी सामान नहीं काटना चाहिए।

वास्तु विद् -रविद्र दाधीच (को-फाउंडर वास्तुआर्ट)