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नव ग्रहों एवं सत्ताईस नक्षत्रों के पौधे लगाने के वास्तु

नव ग्रहों एवं सत्ताईस नक्षत्रों के पौधे लगाने के वास्तु

वास्तुशास्त्र एवं ज्योतिष शास्त्र के समायोजन वनस्पति एवं पौधे रोपण में अच्छा रोल अदा करता है। ज्योतिष शास्त्र में कुल ग्रहों की संख्या 9 बताई गई है और नक्षत्रों की सत्ताईस है। अगर किसी की कुंडली में कोई ग्रह परेशान कर रहा हो तो उसके कुप्रभाव से बचने के लिए उन ग्रहों से संबंधित पेड़-पौधें की पूजा और जल देने से सब कुछ ठीक होने लगता है। और वास्तु विज्ञान के अनुसार नवग्रह एवं नक्षत्रों के आधार पर पौधों का ऑफिस में रोपण

ऑफिस में नवग्रह के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए ग्रह के अनुसार इन पौधों का पूजन कर जल अर्पित करें।

ग्रह एवं उनसे संबंधित पौधे

  • सूर्य - लाल गुलाब, मदार या कनेर
  • गुरु – केला, पंज बेल या गैंदी
  • शुक्र – गूलर, कनैर या तुलसी
  • शनि – शमी या शमा बैजंती
  • चंद्र – पलाश, कनेर या चमेली
  • बुद्ध – अपामार्ग, पान या बेला
  • मंगल – गुडहल, खैर या लाल चंदन
  • राहु – दूर्वा, नीम या सदा सुहाग
  • केतु – कुशा, पंज बेल या गैंदी

इन पौधों को रोपने के बाद यदि आप नीचे दिए गये मंत्र का उच्चारण करते हैं। तो सभी नव ग्रहों के शुभ फल आपको प्राप्त होने लगते है।

ब्रह्मा, विष्णु, महेश, सूर्य, शशि, मंगल भय बाधा हर दो।हे बुध, गुरु, भृगु, राहु, केतु, शनि दुख अनिष्ठ शांत कर दो।।

कौन से नक्षत्र में किसे पौधे को स्थापित करने से मिलता है वास्तु लाभ

  • कृतिका – वहेश
  • रोहिणी – बांस
  • मृगशिरा – जामुन
  • आर्र्द्रा – खैर
  • पुनर्वसु – शमी
  • पुष्य – चंदन
  • स्लेषा – वाकर
  • मघा – नागकेशर
  • पूर्वा फाल्गुनी – कस्टर
  • उत्तरा फाल्गुनी – महुआ
  • हस्त – कदम
  • चित्रा – चंदन
  • स्वाती – कोहा
  • विशाखा – रीठा
  • अनुराधा – मौलश्री
  • ज्येष्ठा – उमर
  • मूल – किखर
  • पूर्वाषाढ़ – खमेर
  • उत्तराषाढ़ – पीपर
  • श्रवण – फ्लास
  • धनिष्ठा – नीम
  • शतभिषा – आम
  • पूर्वा भाद्रपद – हर्र
  • उत्तरा भाद्रपद – शीशम
  • रेवती – बरगद
  • अश्विनी – बेल
  • भरणी – आंवला
  • अभिजीत – सीताफल

इन सभी पौधों को इन विशेष नक्षत्रों में रोपने से एवं पेड़-पौधों का पंचोपचार पूजन करके जल अर्पित करने से ऑफिस में आने वाली बाधाओं से रक्षा होती है। साथ ऑफिस मालिक की अनेक मनोकामनाएं भी पूरी होने लगती है।

वास्तु विद् - रविद्र दाधीच (को-फाउंडर वास्तुआर्ट)