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वास्तु अनुसार आपका वर्किंग एरिया कैसा होना चाहिए ?

ऑफिस में वास्तु की आवश्यकता क्यों है ?

हमें प्रबंधन और कर्मचारियों दोनों के लिए एक आशावादी, पेशेवर कार्य संस्कृति का निर्माण करने के लिए एक वास्तु पूर्ण कार्यालय की आवश्यकता है, ताकि सफलता और लाभ के लिए अपने कार्यालय स्थान का सर्वोत्तम उपयोग किया जा सके।

ऑफिस का वर्किंग एरिया वह स्थान है। जो हमें अपनी रोटी कमाने में मदद करता है और हमें एक नाम, प्रसिद्धि और कमाई देता है। जो एक सुखी जीवन जीने और हमारी सभी इच्छाओं को पूरा करने की कुंजी है। यह एक ऐसी जगह भी है जहां हम ज्यादातर समय काम करने में बिताते हैं।

यदि ऑफिस का वातावरण अनुकूल, प्रेरक और आनंदमय है, तो यह सीधे सफलता और विकास की ओर ले जा सकता है। एक अच्छा वास्तु,ऑफिस की वित्तीय समृद्धि और व्यापार स्थिरता सुनिश्चित करता है। ऑफिस में हम जो कुछ भी करते हैं उसमें ऑफिस का वास्तु महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

प्रत्येक कंपनी का ऑनर चाहता है। कि वह अपने ग्राहकों को अच्छी गुणवत्ता (Good quality), समय पर डिलीवरी और अच्छा उत्पादन (Good production) कर सके। परंतु यह तभी संभव होगा जब कर्मचारियों में स्थिरता होगी, कर्मचारियों में सामंजस्य बना रहेगा, अच्छा संवाद (Good communication) स्थापित कर सकेंगे एक दूसरे के साथ , और कर्मचारियों का अच्छा स्वास्थ्य (Good health) होगा।

इनके अतिरिक्त कंपनी मालिक अपने कर्मचारियों से चाहता है। कि उसके ऑफिस या कंपनी में काम करने वाला कर्मचारी वर्ग उसकी बातों का पालन करें तथा उसका सम्मान भी करें। हर कर्मचारी पोस्ट अनुसार भी एक दूसरे कर्मचारियों की आज्ञा का पालन करें। तभी ऑफिस या कंपनी की ग्रोथ निरंतर बढ़ती रहेगी। क्योंकि अक्सर मल्टीनेशनल कंपनियों में ऐसा ही होता है। तभी वह हर वर्ष नये-नये कीर्तिमान स्थापित करती है।

अब यदि मालिक अपने कर्मचारियों से इतनी आशाएं रखता है। तो स्वाभाविक सी बात है, कि ऑफिस के कर्मचारी भी अपने मालिक से इच्छाएं रखते है। जैसे कि समय पर सैलरी, एक दूसरे विचारों का सम्मान करें, उन्हें अपनी बात रखने का अवसर दें, कर्मचारियों का समय-समय पर उत्साहवर्धन करना चाहिए। ऐसा करते रहने से सदैव आपके ऑफिस में खुशी का माहौल बना रहता है। तथा कर्मचारियों को कार्यक्षेत्र में तरक्की प्राप्त होती है।

वर्किंग एरिया रखें रखें इन महत्वपूर्ण बातों का विशेष ध्यान ताकि हो सके सके वास्तु दोष का समाधान

ऑफिस के वर्किंग एरिया की कुछ मूल आवश्यकताएं होती है। उनका भी विशेष ध्यान देना चाहिए।

  • वास्तु का सबसे पहला और महत्वपूर्ण नियम की वर्किंग एरिया में अच्छी तरह से प्रतिदिन साफ-सफाई होनी चाहिए।
  • वर्किंग एरिया की डस्टबिन (dustbin) हमेशा वायव्य कोण में रखनी चाहिए।
  • डस्टबिन को उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम (NE or SW) में नहीं रखना चाहिए।
  • वर्किंग एरिया का टॉयलेट उत्तर-पश्चिम(NW), पश्चिम (W), दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम(SSW, पूर्व-दक्षिण-पूर्व (ESE) दिशा में होनी चाहिए।
  • डेस्कटॉप (desktop) को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए।
  • वर्किंग एरिया में निश्चित दूरी पर एक गैप होना चाहिए।
  • वर्किंग एरिया में खुली जगह भी छोडनी चाहिए।
  • वर्किंग एरिया यदि उत्तर से पूर्व (NE) में बने तो सर्वोत्तम माना जाता है।
  • वर्किंग एरिया को पश्चिम (W) दिशा में भी बना सकते हैं।
  • अग्निकोण में भी यह शुभ होता है।

क्यों पश्चिम (West) दिशा में बना वर्किंग एरिया अच्छा नहीं माना गया है?

यदि इस दिशा में आपके ऑफिस का वर्किंग एरिया बना है। तो कर्मचारियों का प्रभुत्व ज्यादा होगा, कर्मचारी जिद्दी स्वभाव के होंगे, आदेश का पालन नही करेंगे, अहंकार की भावना उत्पन्न होगी, एक दूसरे के प्रति द्वेष और हिंसा की भावना पनपने लगती है।

दक्षिण-पश्चिम (SW) में बना वर्किंग एरिया कौन-कौन सी परेशानी खड़ी करता है ?

  • दक्षिण-पश्चिम में वर्किंग एरिया बना होने से लोग गलत निर्णय लेते हैं।
  • कर्मचारी मालिक का कहना नहीं मानते हैं।
  • कर्मचारी स्वार्थी होने लगते है, उन्हें कंपनी के काम से ज्यादा खुद के कामों की ज्यादा चिंता होती है।
  • आपस में सहयोग की भावना की कमी रहती है।
  • ऑफिस का वातावरण खराब रहता है।

वर्किंग एरिया यदि (NW) वायव्य कोण में हो तो ऑफिस में कौन सी परेशानियां देखने को मिलती है?

  • कर्मचारियों में अस्थिरता देखने को मिलती है। अर्थात कर्मचारी अधिक समय तक ऑफिस में टिकते नहीं हैं।
  • ऑफिस के कर्मचारी टाइम टेबिल का ध्यान नही रखते हैं।
  • कर्मचारी दूरदर्शी निर्णय लेने में सक्षम नहीं हो पाते है। और हमेशा उनमें आत्मविश्वास की कमी होती है।
  • कार्य में लापरवाहियां करते हैं।

वर्किंग एरिया का दरबाजा और फर्नीचर कैसा होना चाहिए ?

  • वर्किंग एरिया के केबिन के दरवाजे हमेशा उच्च कोटि का होना चाहिए।
  • वर्किंग एरिया का मध्यभाग (सेंटर) में फिक्स फर्नीचर नहीं होना चाहिए। वर्किंग एरिया का ईशान कोण खाली होना चाहिए।
  • वर्किंग एरिया के दक्षिण-पश्चिम (SW) में हैवी फर्नीचर और स्थाई फर्नीचर होना चाहिए।
  • वर्किंग एरिया के अग्नि कोण में Electric equipment जैसे printer या Video maker machine होनी चाहिए।
  • वर्किंग एरिया में लगी टेबिल का आकार आयताकार होनी चाहिए।
  • वर्किंग एरिया की टेबल का कलर ब्लैक, ब्लू (Black, Blue) नहीं होना चाहिए।
  • वर्किंग एरिया का कलर ब्राइट (Bright) होना चाहिए।
  • वर्किंग एरिया में रोशनी और हवा की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
  • वर्किंग एरिया के दक्षिण-पश्चिम (दक्षिण-पश्चिम) में खिड़की नहीं होनी चाहिए।
  • वर्किंग एरिया में दीवार की ओर मुंह करके नहीं बैठना चाहिए।
  • वर्किंग एरिया में इनडोर (indoor plant) प्लांट जरूर होना चाहिए।
  • वर्किंग में पानी का डिस्पेंसर (Water dispenser ) अग्नि कोण में नही होना चाहिए।
  • कर्मचारी का मुंह उत्तर-पूर्व (NE) में होना चाहिए।
  • बौद्धिक कार्य क्षमता से संबंधित कर्मचारियों जैसे - Designer, advisor, architectect, content writer etc. उत्तर की ओर मुंह करके बैठना चाहिए।
  • मैनेजमेंट (Management) से संबंधित कर्मचारियों को पूर्व की ओर मुंह करके बैठना चाहिए। जैसे कंपनी का अधिकारी वर्ग
  • वर्किंग एरिया की दक्षिण दिशा में कंपनी के मुख्य अधिकारी को बैठना चाहिए।
  • कंपनी का MD पश्चिम एवं दक्षिण दिशा में बैठ सकता है। परंतु इसका निर्णय यदि आप अपनी जन्मतिथि के आधार पर निर्मित जन्म कुण्डली से तय करते हैं। तो सर्वोत्तम होगा।

ऑफिस के वर्किंग एरिया में कैसे रखें सीटों का ध्यान

वास्तुशास्त्र में कहां गया है। कि ऑफिस का वर्किंग एरिया (कार्यस्थल) में कर्मचारियों की सीट ऐसी जगह पर होनी चाहिए, जहां पर उनके पीठ के पीछे कोई दीवार हो। आपके पीछे की दीवार को आपके सपोर्ट के रूप में देखा जाता है। आपके पीठ पीछे वाली दीवार में अच्छे मनमोहक रंग एवं दृश्यों वाली सीनरी लगा सकते है। ऐसा करने पर आपकी तरक्की के साथ-साथ, आपकी आर्थिक स्थिति में स्थिरता आएगी और मजबूती मिलेगी।

वर्किंग एरिया में हमेशा सीट के सामने वाली जगह खुली होना चाहिए

ऑफिस के वर्किंग एरिया में जहां पर एक साथ बैठकर सभी कर्मचारी काम करते है, वहां पर उनके मुख के सम्मुख वाली जगह खुली रहना चाहिए, क्योंकि वास्तु शास्त्र कहता है, कि कार्य के दौरान खुली जगह (ओपन स्पेस) नये-नये आइडिया दे सकता है। आपके अंदर अच्छे-अच्छे विचार जन्म ले सकते हैं, जो आपके ऑर्गनाइजेशन के लिए फायदे का सौदा होता है। कॉन्फ्रेंस रूम में जब भी कोई संगोष्ठी, मीटिंग करें तो आप हमेशा यह प्रयास करें, कि आपके जो बैठने वाली जगह (सीट) हो तो वह दक्षिण-पश्चिम कार्नर हो।

वर्किंग एरिया से जुड़े कुछ खास वास्तु टिप्स जो आपके ऑफिस को देंगे एक नई दिशा

  • वर्किंग एरिया में कैशियर की जगह भी बहुत ज्यादा महत्व रखती है। क्योंकि कंपनी या ऑफिस में कैशियर ही पूरी पूंजी का हिसाब-किताब रखता है। ऑफिस के कैशियर को कोशिश करनी चाहिए, कि वह उत्तर दिशा में मुख करके बैठने का प्रयास करें, क्योंकि वास्तु शास्त्र में उत्तर दिशा धन के देवता कुबेर जी की बताई गई है। ऐसा करने से धन में वृद्धि होती है और आर्थिक गतिविधियों में सुधार होता है, इसलिए कैशियर उत्तर दिशा की तरफ बैठे।
  • वर्किंग एरिया में काला, आसमानी या फिर ग्रे कलर का पेंट नहीं करवाना चाहिए। /li>
  • ऑफिस की मीटिंग और वेटिंग एरिया ऐसे बनाए कि वह हमेशा वायव्य कोण में हो।
  • वर्किंग एरिया में काम करने वाले सभी सीनियर ऑफिसर दक्षिण दिशा और छोटे अधिकारी पश्चिम (west) दिशा में सीटिंग करके बैठना चाहिए।
  • वर्किंग एरिया के किसी भी कर्मचारी की पीठ मुख्य द्वार की ओर नहीं होनी चाहिए। इससे कर्मचारी अपने काम व ऑफिसर का सम्मान नहीं करेंगे।
  • वर्किंग एरिया की दीवारों में कलर करते समय ऐसे कलर का चयन करें। जो बहुत ज्यादा डार्क न हो। हल्के रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • वर्किंग एरिया के टेबिल कुर्सी, फर्नीचर एवं पर्दों का कलर हल्का होना चाहिए।
  • वर्किंग एरिया में अर्धगोलाकार टेबल नहीं होना चाहिए।

वास्तु विद् - रविद्र दाधीच (को-फाउंडर वास्तुआर्ट)